डेंगू बुखार: कारण, लक्षण, प्रभाव और बचाव के प्रभावी उपाय
डेंगू
डेंगू मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। इसलिए इसका दूसरा नाम “ट्रॉपिकल फ्लू” भी है और डेंगू बुखार को 'हड्डीतोड़ बुखार' भी कहा जाता है|
परिचय
इस लेख के माध्यम से हमलोग डेंगू बुखार के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं जैसे डेंगू बुखार का क्या कारण है, इसका लक्षण क्या है, क्या- क्या प्रभाव देखने को मिलते हैं, इसके बचाव के लिए एक रोगी को क्या करना चाहिए ? आदि तो चलिये लेख को आगे बढ़ते हैं और आपको डेंगू बुखार के बारे में एक विस्तृत जानकारी देते हैं |
डेंगू बुखार क्या है?
सबसे पहले आपको समझना पड़ेगा की आखिर डेंगू बुखार क्या है? असल में यह एक एक वायरल संक्रमण है जो मच्छरों द्वारा फैलाया जाता है। यह मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। इसलिए इसका दूसरा नाम “ट्रॉपिकल फ्लू” भी है और डेंगू बुखार को 'हड्डीतोड़ बुखार' भी कहा जाता है| ऐसा इसलिए क्योंकि यह बुखार के साथ गंभीर मांसपेशी और जोड़ों के दर्द का कारण बनता है।
डेंगू बुखार के लक्षण
डेंगू बुखार के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के बाद तुरंत बाद हमें नहीं दिखता है लगभग 4 से 10 दिनों के बीच इसका लक्षण हमें दिखाई देना शुरू हो जाता है जैसे :
- बहुत तेज बुखार
- सिरदर्द होना
- आंखों के पीछे दर्द होना
- मांसपेशी और जोड़ों में दर्द देना
- जी मिचलाना और उल्टी आना
- त्वचा पर लाल चकत्ते का बन जाना
- थकान और कमजोरी महसूस होना
डेंगू बुखार का प्रभाव
यदि कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से पीड़ित है तो उसे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि:
- खून में प्लेटलेट्स की कमी
- रक्तचाप में गिरावट हो सकती है
- अंगों में सूजन हो सकता है
- रक्तस्राव और सदमा (शॉक सिंड्रोम) लग सकता है
डेंगू बुखार कैसे होता है?
डेंगू बुखार, एडीज मच्छरों (मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी और एडीज अल्बोपिक्टस) के काटने से फैलता है। इस मच्छर का काटने का अपना एक विशेष समय होता है जैसे, सुबह और शाम के समय काटते हैं। असल में यह मच्छर किसी एक संक्रमित व्यक्ति का खून चूसता है, उसके बाद जब वह किसी अन्य व्यक्ति को काटता है, तो वायरस फैल जाता है।
डेंगू बुखार की रोकथाम
अगर आप डेंगू बुखार की रोकथाम का सोच रहे हैं तो आप यह निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:-
- सोने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें
- मच्छर भगाने वाले स्प्रे और क्रीम का उपयोग करें
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें
- पूरे बदन वाले कपड़े पहनें
- मच्छर जनित स्थानों से बचें
- अपने आस पास स्वच्छता बनाए रखें
डेंगू बुखार कितने दिनों तक रहता है?
डेंगू बुखार आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहता है। लेकिन यदि मामला गंभीर हो तो यह बुखार एक सप्ताह से अधिक समय तक भी रह सकता है। डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF) और डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) जैसे जटिल मामलों में रोगी की स्थिति गंभीर हो सकती है और अधिक समय तक चल सकती है।
डेंगू बुखार के स्टेप्स
डेंगू बुखार के मुखयतः 3 स्टेप्स होते हैं :
- फीब्राइल फेज: इस चरण में उच्च बुखार, सिरदर्द और मांसपेशी दर्द होता है।
- क्रिटिकल फेज: यह चरण बुखार के तीसरे से सातवें दिन के बीच आता है। इसमें प्लेटलेट्स की कमी, रक्तस्राव और रक्तचाप में गिरावट हो सकती है।
- रिकवरी फेज:इस चरण में रोगी की स्थिति में सुधार होता है और प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ने लगती है।.
डेंगू से कैसे उबरें ?
डेंगू से उबरने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- पर्याप्त आराम करें
- हाइड्रेटेड रहने का प्रयास करें
- डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं का सेवन करें
- नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराएं
डेंगू पर WHO और NCBI का क्या कहना है?
WHO: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, डेंगू एक तेजी से फैलने वाला वायरल संक्रमण है और इसके रोकथाम के लिए मच्छरों की जनसंख्या को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है। और यह तभी हो सकता है जब हम अपने आस-पास साफ सफाई पर ध्यान देंगे | इसलिए, WHO ने डेंगू के उपचार और रोकथाम के लिए कई गाइडलाइन्स जारी की हैं।
NCBI: नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार, डेंगू का प्रभावी उपचार नहीं है, लेकिन उचित देखभाल और हाइड्रेशन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। NCBI ने डेंगू पर कई शोध और अध्ययन प्रकाशित किए हैं।
भारत में डेंगू की वर्तमान स्थिति
भारत में डेंगू एक गंभीर समस्या है और हर साल हजारों मामले सामने आते हैं। वर्तमान में, भारतीय सरकार और स्वास्थ्य संगठनों द्वारा मच्छरों की जनसंख्या को नियंत्रित करने और डेंगू की रोकथाम के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम और सामुदायिक प्रयासों से डेंगू के प्रसार को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
निष्कर्ष
डेंगू बुखार एक गंभीर और तीव्र वायरल संक्रमण है जिसे मच्छरों के काटने से फैलता है। इसके लक्षण और प्रभाव बहुत गंभीर हो सकते हैं, लेकिन उचित देखभाल और सावधानियों से इससे बचाव और उबरना संभव है। डेंगू की रोकथाम के लिए मच्छरों की जनसंख्या को नियंत्रित करना और व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय अपनाना आवश्यक है। आशा करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा |